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Sunday, April 5, 2009

अतिथि देवो भव:


विज्ञापन भी आपको सबक दे जाता हैं...मैं कल टी.वी. पर सीरियल देख रहा था, कि अचानक से विज्ञापन आ गया...ऐड आने के बाद मैं अकसर दूसरे चैनल देखने लगता हूँ रिमोट खोज ही रहा था कि विज्ञापन में आमिर खान विदेशियों को मेहमान कहकर संबोधित कर रहें थे बात यें है कि कोई मेहमान आपके घर आता हैं तो आप उसे इज्जत देतें है ना कि उसके साथ छेड़छाड़ या बलात्कार करनें की कोशिश करते हैं...,विज्ञापन में भी यहीं दिखाया गया था.. जब आपके देश में कोई पर्यटक आता हैं तो आप उसके साथ अच्छे से बिहैव करें ना कि उसे परेशान करें ...कोई उन्हें परेशान करता हैं तो भी चुप ना रहें आवाज़ उठाएं..।अतिथि देवो भव....।
भारत में अतिथियों को भगवान माना जाता हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने अतुल्य भारत अभियान चलाया...साथ ही अतिथि देवो भवः कहा गया। भारत में लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में आय का अच्छा स्त्रोत होते हैं पर्यटक। पर कुछ असामाजिक तत्वों के कारण भारतीय पर्यटन को नुकसान उठाना पड़ता हैं और भारत की छवि धूमिल होती है। इसका मुख्य कारण विदेशी महिला पर हुए यौन हमले हैं चाहें वो समुद्री तटों पर विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सवाल झेल रहे गोवा के कैवलोसिम बीच हो या तीर्थनगरी पुष्कर में विदेशी महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला हो या केरल या उत्तर प्रदेश में भी पर्यटको के साथ छेड़खानी के मामले सामने
आते रहती हैं ...। सितम्बर 2008 में मेरठ की चलती हुई बस में एक विदेशी युवती से छेड़छाड़ की गई। ऐसे लोग भारत की जिस छवि को अपने मन में लेकर यहां आई होगीं,निश्चित रुप से वह जाते समय बदल गई होगी । मुम्बई,दिल्ली,मद्रास, पुणे इत्यादि भारत के लगभग सभी राज्यों में विदेशी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आते रहती हैं।जिससे भारत का सर शर्म से झुकता रहा हैं। सिर्फ छेड़छाड़ ही नहीं बल्कि जब वो किसी वस्तु को खरीदने जाते है तो उनसे उस वस्तु का दाम बढ़ा कर लिया जाता हैं। कुछ असामाजिक तत्वों के कारण विदेशी पर्यटक भारत आने से कतराने लगे हैं। क्या ऐसी धटनाओं से अतुल्य भारत और अतिथि देवो भवः का सपना साकार हो सकता है? क्या आमिर के विज्ञापन से लोग जाग सकेंगे..अतिथि देवो भवः ?

5 comments:

GAURI SHANKAR said...

एकदम सही लिखा है आपने श्यामजी..मैं भी इस बात को महसूस करता हूं..और कई बार तो अपने सामने इस तरह की वारदात होते देखता हूं..भले ही आमिर के विज्ञावन का मतलब लोग अभी ना समझें लेकिन एक दिन समझना पड़ेगा..यदि पूरी दुनिया में भारत की छवि अच्छी देखना चाहते हैं....गौरी शंकर

abhishek anand said...

लेकिन असलियत कुछ और ही है. आज भी विदेशी टूरिस्ट के साथ खींचतान होती है.ऑटो चालक तो उसका सामान उठाकर ज़बरदस्ती अपनी गाड़ियों तक में रखने लगते हैं.यूं ही नहीं वो हमें दूसरी दुनिया कहते हैं.

Uttama said...

main bhi sehmat hoon aapse shyam ji

Unknown said...

whatever is written here by shyamji is totally correct and to the point..............

Anonymous said...

DOSTO,
MAIN RAHUL AAP LOGO KE SATH APNI EK GHATNA SHARE KARNA CHAHTA HU, MAY2009 ME MAI AHMEDABAD SE BY BUS VIA JAYPUR DELHI JA RAHA THA. AHMDABAD SE HI MERE SATH EK FORNER(SLOWAKIA KA) AA RAHA THA KYUKI USKI BAT KO KOI SAMAJH NAHI PA RAHA THA TO USE TRAVEL AGENT NE MERE SATH LAGA DIYA. JAYPUR ME HAME BUS CHANGE KARNA THA MERE EK FRIEND NE BATAYA THA KI BUS HUME SINDHI CAMP SE MILEGI OR HUM JIS BUS SE AHMDABAD SE AA RAHE THE WO HUME AJMERI PUL KE PAS HI UTAR DEGI.
JAB HUM BUS SE UTARE TO MAIN AAGE BADHNE LAGA YAH SOCHKAR KI 'RAVISON' MERE PICHE HI AA RAHA HOGA LEKI JAB MAIN PICHHE DEKHA TO DEKHA KI BUS KE KUCHH STAFF USE JABRAN DUSRE KISI BUS ME JANE KO KAH RAHE THE JAB MAINE VIRODH KIYA TO MUJHE V GANDI GALI DENE LAGE FIR V KISI TARAH SE MAIN USE LEKAR AUTO KI TARAF BADHNE LAGA TABHI WO BAHUT SARE LOGO KE SATH AAYA AUR RAVISON KO JABRAN LE GAYA. US WAQT MAIN RAVISON SE SHARM SE NAJAR NAHI MILA PA RAHA THA. WAHA SE JALDI SE NIKAL KAR MAIN NAJDIK KE HI VIDHAYAK..... POLICE STATION PAHUCHA JAHA BAITHE SUB INSPECTOR NE MUJHE SAMJHAYA KI RAVISON EK TOURIST HAI USKA KOI BAL BHI BANKA NAHI KAR PAYEGA AUR TU KYU PARESHAN HAI TU JA APNE RASTE CHALA JA. US WAQT SE AAJ TAK MAIN IS HADSE KO KABHI BHUL NAHI PAYA.
KHAS KAR KE RAVISON KI WO AANKHE JO MANO KHAMOSH HOTE HUYE YE KAH RAHI THI KI MUJHE BACHAO MAIN IN LOGO KE SATH NAHI JANA CHAHATA HU, LEKIN MAIN WAHA KUCH BHI NA KAR SAKA. HALAKI YE AGAR WAHA KE LOG CHAHTE TO AISA HONE SE ROKA JA SAKTA THA.
RAHUL9934952942