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Thursday, April 21, 2011

प्यार कोई खेल नहीं…






इस हाड़-मांस के शरीर ने न जाने कितनी बार आपको ऐसे मुकाम पर ला खड़ा किया होगा जब आपको लगा हो इसके बाद दुनिया में मेरा न रहना ही अच्छा है...ऐसा मैं इसलिए नहीं लिख रहा कि आपके जीवन में भी ऐसा हुआ होगा मैं ऐसा लिख रहा हूं...क्योंकि ऐसा एक बार फिर उस इंसान के साथ हुआ जिसे 16 साल पहले प्यार हुआ था...और उस प्यार को हासिल करने के लिए उसने इस जहां को अलविदा कहते-कहते बचा था...
1995 में दप्पू जी(बदला हुआ नाम) को नामी स्कूल की आठवीं क्लास की अपनी स्टूडेंट से प्यार हो गया. कहते हैं, प्यार छुपाए नहीं छुपता...ये जंगल की आग की तरह फेल गया. नतीज़तन दप्पू जी को स्कूल ने Thank you कह दिया. दप्पू जी ने हिम्मत नहीं हारी और खुद का स्कूल खोला. घर में उनके माता-पिता, भैया-भाभी, और भतीजा था.ये सारे लोग इन्हें बहुत चाहते थे. स्कूल चल निकला और देखते ही देखते 5 साल बीत गए. लड़की बालिग हो गई. दप्पू जी ने शादी की बात सोची. कुसुम (बदला हुआ नाम) तैयार हो गई मगर लड़की के घर वालों ने इसका विरोध किया.एक छोटे से शहर में प्यार करना ही हिम्मत की बात है. दप्पू जी को इतनी मार पड़ी कि 20 दिन तक मौत से जूझते रहे। जब ठीक हुए तब तक कुसुम की शादी तय हो चुकी थी.और मुंबई में रहने वाले इंजीनियर से एंगेजमेंट कर दी गई.
जिस लड़के से कुसुम की शादी तय हुई वो लड़का तीन साल तक शादी नहीं करना चहता था. ये बात कुसुम ने दप्पू जी को बताई दोनों ने प्लानिंग कर एक-दूसरे से दो साल तक नहीं मिलने का वादा किया. जब घर वालों को लगा कि कुसुम अब अच्छी हो गई है तो सारी पाबंदी हटा दी.लेकिन, अचानक एक दिन पूरे शहर में ये हल्ला मच गया कि दप्पू जी और कुसुम ने शादी कर ली. दप्पू जी ने कुसुम के घर वालों के ख़िलाफ़ केस दर्ज करा दिया. कुसुम का कहना है कि शादी के शुरुआती दो साल बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जिसके चलते दप्पू जी ने स्कूल के पास ही किराए का मकान लेकर रहना शुरू कर दिया. परिवार को ठीक से चलाते हुए दप्पू जी ने दो मारुति वैन ख़रीद बच्चों को स्कूल छोड़ने का काम करने लगे और कुसुम स्कूल की देखभाल करने लगी.इस बीच कुसुम की दोस्ती स्कूल में आने वाली एक टीचर के भाई से हुई और देखते ही देखते दोनों ने सारी हदों को पार कर लिया. जब दप्पू जी ने कुसुम के मोबाइल पर एक sms पढ़ा तो उसके पैरों तले ज़मीं खिसक गई. फिर मोहल्ले के कुछ लोगों से दप्पू जी ने बात की और उस लड़के को मारपीट कर हटा दिया. अब लोग ये मान कर चल रहे थे कि शायद 6 साल के बच्चे और कुसुम को दप्पू जी छोड़ देंगे. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ दप्पू जी ने कुसुम को समझा कर मामला रफा-दफा कर दिया. अब आने वाला समय ही बताएगा की दप्पू जी ,कुसुम और उनके बच्चे का क्या हुआ ? लेकिन, दप्पू जी की हिम्मत को मैं सलाम करता हूं...