आओ अंग्रेजी सीखे!

Friday, July 23, 2010

कहा जा रहे है हम

अज़ीबोंग़रीब हो गई हैं इसांनियत, हम बस गिरते जा रहें है... हमें सब चिजों की फिक्र हैं... लेकिन जिस बात की फिक्र नहीं हैं वो है अपने चरित्र की। कल मेट्रों में एक व्यक्ति अचानक से दूसरें व्यक्ति पर चिल्ला उठा बहन........ लड़की खड़ी हैं दिख नहीं रही हैं क्या ? मैं दरवाजे की तरफ जा रहा हुं भाई दूसरे व्यक्ति ने कहा ....पहला व्यक्ति फिर बोल उठा तेरे जैसे को मैं खुब समझता हुं साले आंखे मत दिखा पटक के मारुंगा ... दूसरा लड़का सर छुका कर मेट्रों के दरवाजे की तरफ चला गया। मैं और मेरा मित्र स्वदेश भी उसी जगह थे हमें हंसी आ गई हमें लगा लड़का अपनी गर्लफ्रेन्ड से नाराज हैं और गुस्सा दूसरे लड़के पर दिखा रहा है, जब अगला स्टाप(STOP) आया तो एक विदेशी लड़की हमारे सामने आकर खड़ी हुई ना जाने वो दूसरा लड़का फिर कहा से आ गया और उस विदेशी लड़की के सामने से करीब जाने लगा लड़की पिछे जाने लगी ये उसके करीब जाने लगा सभी कोई देख रहें थे मगर बोलने वाला कोई नहीं था मैं और स्वदेश ने आंखो ही आंखो में बात की और उस व्यक्ति को रोकने के लिए सोचे उस से पहले ही वो उस लड़की के ओठ के करीब पहुंच गया ये लगने लगा था की वो चुमने वाला हैं (कपड़ा पहने ही बलात्कार कर देगा) तभी मैंने उस व्यक्ति को पिछे खिंचा वो हड़बड़ा सा गया उसने कहा मु॥मु॥मुझे उतरना हैं तो उतर जा बदमाशी क्यों कर रहें हो नेक्स्ट स्टेशन पर वो उतर गया उस विदेशी लड़की ने हमें थैंगक्स कहा और चेहरे पर अजीबोगरीब भाव लाई.... जब हम मेट्रो से उतरे तो उसी व्यक्ती के बारे में बात कर रहें थे बात करते करते घर पहुंच गए और फिर भूल गए। बगिया के दोस्तों ऐसा आपके साथ भी हो सकता हैं सावधान रहे..?