आओ अंग्रेजी सीखे!

Monday, September 8, 2008

जन्म दिन मुबारक


बहुमुखी प्रतिभा की धनी आशा भोंशले को 75 वां जन्म दिन की शुभकामना।अब तक लगभग 13000 गानों को गा चुकीं आशा जी ने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा अपने पिता से लेने के बाद अपना करियर पार्श्वगायन से शुरु किया। इन्होंने पॉप,गजल,शास्त्रीय संगीत हर क्षेत्र में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा..।

Monday, September 1, 2008

बच्चों की पाठशाला


मैं लक्ष्मी नगर से 313 या 350 नंबर की बस से मंदिर मार्ग में अपने ओफिस जाता हूँ । हर सुबह आईटीओ या मंडी हाउस से बच्चों का एक झुंड बस में चढ़ता है...जो गोल मार्केट स्टाप पर उतरते हैं ...ये बच्चे यहीं एक सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं।
आज सुबह भी बच्चों की भिड़ बस में आई। में अपनें ख्यालों में खोया ही था कि बच्चों की गुंज मेंरे कानों में पड़ने लगी...तेरी मॉ की .....,तेरी बहन की......,आपस में हंसते हुए बच्चें इस तरह से बातें कर रहें थे जैसे उन लोंगो ने तीर मार लिया हो ....खैर..अरे ये क्या बस कंडक्टर ने कुछ गलती कर दी..,और बच्चे इस तरह से उस कंडक्टर पर टूट पड़े जैसे उसने बहुत बड़ी गलती की हो ...साले ...कमीने ...तेरी मॉ की ......तेरी ... उफ गाड़ी में बैठे सभी लोग खास कर बुजु्र्ग और महिलाऐं शर्मसार हो गयी पर बच्चों को तो अपनी तेजी दिखानी थी....फिर मौका कहा मिलता । मेरी जिज्ञासा हुई की पुरी बात पता करु तो आगे सिट पर बैठे सज्जन से धीरे स्वर में पुछा भाई साहब पुरा वाक्या क्या हैं उन्होंने बताया अरे कुछ नहीं कंडक्टर बेचारे ने बच्चों से टिकट लेने के लिए कहा उसी में बच्चें उसे डराने लगे। एक स्टूडेन्ट कह रहा था तू गोल चक्कर गाड़ी पार कर के तो दिखा अकेला कंडक्टर उनसे घिरा पड़ा था की तभी एक सज्जन चिखने लगे अरे चुप हो जाओ भगवान के लिए चुप हो जाओ..मेरे भी तुम जैसे बच्चे हैं में भी उन्हे पैसे देता हूँ तुम्हारे माता पिता भी पैसे देतें होंगें फिर तुम लोग टिकट क्यों नहीं लेते मार खाकर घर जाना अच्छा लगता है, तुम्हें... हमसे पुछो जब बेटा पीटकर आता है, तो कैसा लगता हैं...अचानक से बस में सब शान्त हो गए सज्जन बोलते रहे....।
सारे बच्चें शान्त थे की थोड़ी खोमोशी के बाद एक बच्चा बोलता है बुढ़ा तो स्टाट हो गया और सारे बच्चें एक साथ हंस पड़े..। इसी बीच गोल चक्कर आ गया और बच्चों की भिड़ उतर गई । बगीया के दोस्तो मुझे लगा की ये बात आप तक भी पहुँचनी चाहिए..।
आपसे और समाज से एक प्रश्न भी है ... हमारे देश के भविष्य कहा जा रहें है ...कौंन सा पाठ पढ़ा जा रहा है पाठशाला में....।