आओ अंग्रेजी सीखे!

Sunday, August 16, 2009

I like you as 'Q' like 'U'.


अचानक से मेरे पिता का कहा वो वाक्य मुझे याद आ गया जब वो कहा करते थे कि दोस्ती और प्यार में अगर अति लग जाए तो वो बर्बाद हो जाता हैं। दरअसल बात ये है कि मेरे दूर के अंकल जिनका नाम सुन्दर है मेरे यहां कल आए थे। 50 सावन देख चुके मेरे अंकल ने आज तक शादी नहीं की, कारण का किसी को कुछ नहीं पता। अंकल बैंग्लुऱू में रहते हैं और करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं जिसको पाने के लिए उनके सारे रिश्तेदार व्याकुल हैं। अकंल आज भी तीस के लगते हैं सिर्फ बालों ने धोखा दे दिया है रिश्तेदारों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
अंकल के स्वस्थ दिखने का राज प्रतिदिन का एक्सरसाइज है। हां ये अलग बात है कि चाचा को लोग असमाजिक भी कहते हैं क्योंकि वो किसी के यहां...किसी पार्टी में या पूजा-पाठ में जाना पसंद नहीं करते। सिर्फ काम के सिलसिले में लोगों से मिलते – जुलते हैं।
अकंल दिल्ली के होटल ताज में ठहरे हुए थे और मेरे काफी आग्रह करने पर मेरे यहां आए। आने के बाद मुझे पता चला कि वो आज पार्टी में जाने वाले हैं ...मैं काफी आश्चर्यचकित था। क्योंकि मेरी जानकारी के अनुसार अंकल कभी भी पार्टी में जाना पसंद नहीं करते ...। मैने तड़ाक से पूछा चाचा आप बिजनेस के सिलसिले में पार्टी जा रहे हैं... वो बोले नहीं ...और चुप हो गए। फिर नास्ता कर अंकल मेरी बेटी के साथ खेलते रहे और हमारे बीच बातें होती रहीं। कुछ देर के बाद वो होटल लौट गए। वैसे भी आज मेरा Weekly off है मैं कुछ घरेलु काम में लग गया। रात दस बजे अचानक से अंकल का फोन मेरे पास आया फोन में उन्होने सिर्फ यहीं कहा कि मेरे होटल में आ सकते हो तो आ जा और फोन काट दिया। मैं तैयार हो कर 11 बजे होटल ताज पहुंचा। सुबह जितने तरोताजा अंकल दिख रहे थे अब उतना ही चेहरा थका हुआ और मायूस लग रहा था। मैंने पूछा क्या हो गया चाचा वो बोले बस मन नहीं लग रहा था..तुझे बुला लिया।
पार्टी नहीं गऐ क्या ?
गया था मगर वापस आ गया?
चार - पॉच मिनट हम दोनों शांत थे... फिर मैं बात को आगे बढ़ाते हुए कहा काजल(मेरी पत्नी ) आपकी काभी तारीफ कर रही थी और आपके घर आने से काफी खुश थी। उतने में अंकल रोने लगे...मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उनसे क्या कहुं हिम्मत कर के बोला क्या हो गया अंकल आप ऐसे क्यों रो रहे हो plzzzz चुप हो जाओ । वो बोले बेटे आज जब मैं तुम्हारे यहां गया तो बहुत अच्छा लगा। आज मेरे भी बच्चे तुमसे होते मगर...? सुन्दर चाचा आखिर बात क्या हो गई...पूरी बात तो पता चलें.. श्याम जिस पार्टी में तुम्हारा चाचा गया था वो एक 25 वीं. सालगिरह की पार्टी थी। जिस लड़की कि 25 वीं सालगिरह आज मनाई गई हो सकता था कि ये सालगिरह मेरे साथ होता। ये बात सुनकर मेरे दिमाग में मानों बम फट गया अब समझ में आया इन्होंने शादी क्यों नहीं की। मैंने INTREST लेते हुए पूछा बात क्या हो गयी थी अंकल...। बेटे बात ये है कि जिस लड़की कि आज सालगिरह है उसका नाम बबीता है। बबीता और मैं पड़ोसी थे बचपन से लेकर जवानी तक मैंने सिर्फ और सिर्फ उसी को चाहा अचानक से एक दिन मुझे पता चला कि उसकी शादी की बात चल रही है मैंने उसको एक LETTER लिख कर भेजा जिसमें लिखा था I like you as ‘Q’ like ‘U’. लेकिन उसका जवाब नहीं आया और उसकी शादी हो गई। फिर मैंने हजारीबाग छोड़ दिया और बैंगलुरू में बस गया। अचानक से एक Official Meeting में 25 वर्षों के बाद बबीता और उसका पति मुझे मिला। बबीता मुझे पहचान गई। और उन्होंने मुझे Delhi सालगिरह पर बुलाया। पार्टी में जाने के बाद पता चला कि बबीता भी मुझे चाहती थी। ये बात उसने अपने पति को भी बता दिया था। मैंने जब Letter की बात उससे पूछा तो उसने बताया कि उसने पत्र पढ़ा था I like you as ‘Q’ like ‘U’. जिसका मतलब उसने समझा था कि मैं उसे चाहता हूं मगर प्यार नहीं करता। जिसके बाद उसने शादी कर ली। मैं चौंकते हुए पूछा चाचा आपने जो लिखा था उसका हिन्दी क्या था ...? बेटा उसका हिन्दी था मैं तुम्हें इस तरह पसंद करता हूं या चाहता हूं जिस तरह ‘Q’ चाहता हैं ‘U’ को । मैंने पूछा कैसे...? चाचा ने बताया Alphabet में A to Z एक ऐसे समाज की तरह है जिसमें ‘Q’ पसंद करता हैं ‘U’ को ।‘Q’ की दीवानगी इस तरह की है कि डिक्शनरी में कोई शब्द ऐसा नहीं हैं जो ‘Q’ से बने और उसके साथ ‘U’ ना हो जैसे-Queen, Question etc. मैं सुनता ही रह गया। जब उनकी बात खत्म हुई तो मैंने कहा इसका अर्थ आपने उनको(बबीता) बताया उन्होंने कहा नहीं। मैं कोशिश कर रहा था उनको समझाने की छोड़ो अंकल अब पछताने से क्या होगा 10-15 मिनट समझाने के बाद मैं घर के लिए चल दिया रास्ते भर उन्हीं के बारे में सोचता रहा...।

Sunday, July 12, 2009

देश का सबसे बड़ा नेता कौन?




तीन - चार मित्र मेरे यहां चाय पर आए थें।मित्रों से मेरी मुलाकात काफी दिनों के बाद हुई थी। क्लास की बातें Start हुई,कैसे हम Coffee House में घंटो बैठ कर सपनों को संजोया करते थें।कोई Anchor तो कोई Reporter बनना चाहता था...मगर...आज चार दोस्तो में सुधांशु को छोड़ कोई भी मीडिया में नहीं हैं,जो मित्र मेरे यहां आए थे उनमें रविन्द्र,
राजेन्द्र,सुधांशु और आशुतोष थे।खैर दोस्तों के लिए दो शब्द...रविन्द्र चेन स्मोकर है....और किसी की बातों को पकड़ कर लपेटने लगता हैं...।राजेन्द्र अखबार का कीड़ा है बस अखबार मिलना चाहिए....। सुधांशु और आशुतोष जैसा देश वैसा वेश...।
हम Institute की बात कर ही रहें थे की अचानक टेबल पर रखी अखबार राजेन्द्र ने उठा ली और पढ़ने लगा,पढ़ते-पढ़ते उसने कहा अच्छा बता आज देश का सबसे बड़ा नेता कौन है?एक-एक कर के बताना...,रविन्द्र मे कहा सोनिया गांधी, मैने, सुधांशु...सब ने कहा सोनिया गांधी...तभी मेरी पत्नी चाय with नास्ता ले आई और कहा बातें होती रहेंगी पहले कुछ खा - पी लो। चाय पीते हुए मैने रविन्द्र से पुछा कैसे सोनिया गांधी सबसे बड़ी नेता है Clear कर...रविन्द्र ने कहा ,सुन मनमोहन सिंह का कितना बड़ा राजनीतिक विरासत है ये सब कोई जानता है मगर फिर भी दस साल प्रधानमंत्री की कुर्सी ..., किन्तु हुक्म सोनिया जी की चलती हैं।
राष्ट्रपति (प्रतिभा पाटिल) बनाने के लिए भी एक महिला को कांग्रेस आगे लाई सोनिया जी के कहने पर,यहां तक की दलित नेता मीरा कुमार को स्पीकर बनाने में भी सोनिया के कहने पर कांग्रेस ने उनका नाम रखा था जिसे कोई पार्टी टाल नहीं सकी।
सुधांशु ने कहा राष्ट्रपति और स्पीकर बनने में यें(सोनिया गांधी) बड़ी नेता कैसे हो गई।
रविन्द्र ने कहा तेरे हिसाब से भी तो सोनिया जी बड़ी नेता है तु बता कैसे...? सुधांशु तुम कभी डुबते नाव की सवारी करना पसंद नहीं करोगे...।जब ऐसा लगने लगा की कांग्रेस का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर है तब काग्रेंस की बागडोर संभाल कर इस बुलंदी पर लाने वाली सोनिया गांधी ही हैं।इतना ही नहीं जब BJP और अन्य पार्टीयों ने विदेशी महिला का नारा जोर शोर से उठाया तो अचानक से एक सरदार को प्रधानमंत्री बना कर सब को सन करने वाली सोनिया गांधी ही थी।
इससे पहले की मैं कुछ कहता मेरी पत्नी खाने के लिए बोल गई साथ में हंसते हुए ये कह गई की यहां मेरा हुक्म चलता है ना की सोनिया गांधी का।मैनें कहा दोस्तो चल के खाना खा लो नहीं तो दुबारा आओगे तो चाय भी नसीब नहीं होगा और फिर बड़े मजे से हम सब हंसते हुए खाना खाने लगे...।

Thursday, June 25, 2009

बरसो रे मेघा बरसो!




बाप रे बाप गर्मी हैं !ना जाने कितने सालों के बाद ऐसी गर्मी आई हैं। शाम में,जब मैं पार्क घूमने गया तो एक बुजूर्ग अपने साथी मित्र से कह रहें थे... बाप रे...।जहां पर मैं बैठा था वहीं बगल में बैंठा नौजवान कह रहा था एक चक्कर पार्क घुमने के बाद इतना पसीना हो रहा हैं कि अब टहलने का मन नहीं कर रहा...। खबरीयां चैनलों में या अखबार में भी यहीं खबर देखने को मिल रहा हैं...। जहां केन्द्र सरकार ने देश में मानसून के कमजोर पड़ने की अधिकारिक घोषणा कर दी हैं।वहीं इस स्थिती से निपटने के लिए केन्द्रिय जल संसाधन सचिव ने राज्यों के सिचाई सचिवों की बैठक ली और इससे निपटने के इंतजाम के निर्देश दिए। अब ये बात अलग हैं कि क्या इंतजाम होंगे ये तो भगवान ही जानें...।
जब सरकार ने अपना काम शुरू किया तो आम जनता कैसे चुप बैठती उसने भी अपनी पारंपरिक उपायों को अजमाना शुरू कर दिया है इसी क्रम में नागपुर में बुधवार को मेंढ़क और मेंढ़की की शादी रचाई गयी। ऐसा माना जाता हैं कि पूरे रीति-रिवाज से मेढ़क की शादी की जाए तो वर्षा जल्द होगी...।कुछ दिन पहले ही औरतों ने मिल कर खेतों में हल जोता। कुछ तो यमुना नदी की पुजा अर्चना में लगे है तो कुछ इन्द्र देव को मनाने में लगे हैं।नेता भी पिछे नहीं है जहां जनता की भीड़ और मिडीया की उपस्थिती है वहीं वो पुजा कर रहैं है या तो चादर चढ़ा रहे हैं।
उपाय भी हो रहे है... और निर्देष भी जारी कर दि गई है ये अलग बात है कि आम जनता जो की घर में बैठ नहीं सकती, जिसे दो रोती कमाने के लिए तपती धुप में निकलना पड़ता हैं वो अपने लिए क्या उपाय करे...वो गरीब कहा रात – दिन बिताए जिसके लिए उसका घर खुला आकाश हैं आखिर कब बरसेगी मेघा...बरसो रे मेघा बरसो...!

Sunday, April 5, 2009

अतिथि देवो भव:


विज्ञापन भी आपको सबक दे जाता हैं...मैं कल टी.वी. पर सीरियल देख रहा था, कि अचानक से विज्ञापन आ गया...ऐड आने के बाद मैं अकसर दूसरे चैनल देखने लगता हूँ रिमोट खोज ही रहा था कि विज्ञापन में आमिर खान विदेशियों को मेहमान कहकर संबोधित कर रहें थे बात यें है कि कोई मेहमान आपके घर आता हैं तो आप उसे इज्जत देतें है ना कि उसके साथ छेड़छाड़ या बलात्कार करनें की कोशिश करते हैं...,विज्ञापन में भी यहीं दिखाया गया था.. जब आपके देश में कोई पर्यटक आता हैं तो आप उसके साथ अच्छे से बिहैव करें ना कि उसे परेशान करें ...कोई उन्हें परेशान करता हैं तो भी चुप ना रहें आवाज़ उठाएं..।अतिथि देवो भव....।
भारत में अतिथियों को भगवान माना जाता हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने अतुल्य भारत अभियान चलाया...साथ ही अतिथि देवो भवः कहा गया। भारत में लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में आय का अच्छा स्त्रोत होते हैं पर्यटक। पर कुछ असामाजिक तत्वों के कारण भारतीय पर्यटन को नुकसान उठाना पड़ता हैं और भारत की छवि धूमिल होती है। इसका मुख्य कारण विदेशी महिला पर हुए यौन हमले हैं चाहें वो समुद्री तटों पर विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सवाल झेल रहे गोवा के कैवलोसिम बीच हो या तीर्थनगरी पुष्कर में विदेशी महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला हो या केरल या उत्तर प्रदेश में भी पर्यटको के साथ छेड़खानी के मामले सामने
आते रहती हैं ...। सितम्बर 2008 में मेरठ की चलती हुई बस में एक विदेशी युवती से छेड़छाड़ की गई। ऐसे लोग भारत की जिस छवि को अपने मन में लेकर यहां आई होगीं,निश्चित रुप से वह जाते समय बदल गई होगी । मुम्बई,दिल्ली,मद्रास, पुणे इत्यादि भारत के लगभग सभी राज्यों में विदेशी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आते रहती हैं।जिससे भारत का सर शर्म से झुकता रहा हैं। सिर्फ छेड़छाड़ ही नहीं बल्कि जब वो किसी वस्तु को खरीदने जाते है तो उनसे उस वस्तु का दाम बढ़ा कर लिया जाता हैं। कुछ असामाजिक तत्वों के कारण विदेशी पर्यटक भारत आने से कतराने लगे हैं। क्या ऐसी धटनाओं से अतुल्य भारत और अतिथि देवो भवः का सपना साकार हो सकता है? क्या आमिर के विज्ञापन से लोग जाग सकेंगे..अतिथि देवो भवः ?