अब जब लोगों का सफर, सफ़र करने लगा हैं । ऐसे में यात्रा करें तो कैसे करें ?
आमदिन हमें सुनने में मिलता है कि दिल्ली में ब्लूलाईन बस या डी.टी.सी बस ने किसी व्यक्ती को कुचला। रैल को नकसलीयों ने उड़ा दिया। एयरप्लेन रनवे पर फिसला। ऐसे में आम आदमी सफर करे तो कैसे करे। खैर सफर जब सफ़र बन जाए तो क्या किया जा सकता है।
दिल्ली मैट्रो मे़ अकसर समय में फैर बदल होता रहता है। 15 मिनट बाद आने वाली मैट्रो 7 मिनट बाद भी आ सकती है और 4 मिनट बाद आने वाली मैट्रो 15 मिनट बाद भी आ सकती है।कभी-कभी बैलगाड़ी की स्पीड भी संभव है, जहां हर सैकेण्ड की कीमत है वहां ऐसी लापरवाही आखिर क्यों ?
B.M.W. पर दौलतमंद का शहज़ादा कब किसी आम आदमी को कुचल कर चला जाए कहना मुशकिल है। कब कोई बाईक सवार को कारसवार ठोक दें और कार सवार पर केस भी दर्ज न हो ऐसा मुम्किन हैं। जिनका घर खुला आसमान है और पलंग फुटबाथ उन पर कब किस एक्टर या रहिशजादें की गाड़ी उन पर चल जाऐं कहना मुस्किल हैं। आखिर आम आदमी जाए तो कहा जाए ?
आमदिन हमें सुनने में मिलता है कि दिल्ली में ब्लूलाईन बस या डी.टी.सी बस ने किसी व्यक्ती को कुचला। रैल को नकसलीयों ने उड़ा दिया। एयरप्लेन रनवे पर फिसला। ऐसे में आम आदमी सफर करे तो कैसे करे। खैर सफर जब सफ़र बन जाए तो क्या किया जा सकता है।
दिल्ली मैट्रो मे़ अकसर समय में फैर बदल होता रहता है। 15 मिनट बाद आने वाली मैट्रो 7 मिनट बाद भी आ सकती है और 4 मिनट बाद आने वाली मैट्रो 15 मिनट बाद भी आ सकती है।कभी-कभी बैलगाड़ी की स्पीड भी संभव है, जहां हर सैकेण्ड की कीमत है वहां ऐसी लापरवाही आखिर क्यों ?
B.M.W. पर दौलतमंद का शहज़ादा कब किसी आम आदमी को कुचल कर चला जाए कहना मुशकिल है। कब कोई बाईक सवार को कारसवार ठोक दें और कार सवार पर केस भी दर्ज न हो ऐसा मुम्किन हैं। जिनका घर खुला आसमान है और पलंग फुटबाथ उन पर कब किस एक्टर या रहिशजादें की गाड़ी उन पर चल जाऐं कहना मुस्किल हैं। आखिर आम आदमी जाए तो कहा जाए ?
1 comment:
Nobody is aam infact everybody is born wise & uniqe....
Sunny
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